Tuesday, March 15, 2022

अस्तित्व

 #TheKashmiriFiles  देख कर बेटे ने पूछा 


बेटा - पापा उस समय आप क्या कर रहे थे?


पाप - बेटा मैं सलमान खान, शाहरुख खान के गानों पर थिरकता हुआ बड़ा हो रहा था।


बेटा - पापा दादा जी उस समय क्या कर रहे थे?


पापा - बेटा दादा जी उस समय मेरठ/मुरादाबाद/अलीगढ़ के दंगों में लूट चुकी अपनी दुकान को एक बार फिर स्थापित करने की कोशिश में लगे थे, उन्होंने तो बस यही कहा कि... "सबके अपने-अपने संघर्ष है, कश्मीर में जो हो रहा है वो कश्मीरी पंडितों की किस्मत है, हमारा उनसे और इस झगड़े से क्या लेना-देना।


बेटा - पापा उस समय सरकार क्या कर रही थी?


पापा - बेटा उस समय सरकार अखबार और मीडिया को मैनेज करने के लिए free2air चैनल के लाइसेंस बांट रही थी ताकि Mtv, Zee TV, StarTV के भौंडे अंग्रेजी गानों और फूहड़ सीरियलों की चकाचौंध में कश्मीरी पंडितों की आवाज़ किसी को न सुनाई दे।


बेटा - पापा उस समय अखबार क्या कर रहे थे?


पापा - बेटा उस समय अखबार पंडित जवाहर लाल नेहरू के चरित्र चित्रण को बखानती फ़िल्म "Nehru - The Jewel of India" की समीक्षा करने में व्यस्त थे।


बेटा - पापा उस समय भारतीय सेना क्या कर रही थी?


पापा - बेटा तत्कालीन सरकार ने भारतीय सेना को श्रीलंका में शांति स्थापना करने के लिए भेजा हुआ था क्योंकि वहां पर लिट्टे और श्रीलंकाई सेना के बीच लड़ाइयां चल रहीं थी और भारत सरकार एक अच्छा पड़ोसी होने का फर्ज निभा रही थी।


बेटा - पापा उस समय संयुक्त राष्ट्र संघ क्या कर रहा था?


पापा - बेटा संयुक्त राष्ट्र संघ उस समय नामीबिया को आज़ाद करा रहा था।


बेटा - पापा मैं समझ गया….! अपने अस्तित्व को बचाना है तो अपने आपको ही सामर्थ्यवान बनाना होगा।


Sunday, March 13, 2022

#TheKashmirFiles

 भाजपा की सरकार है बस इसीलिये #TheKashmirFiles मूवी रिलीज़ हो पाई है।


……….. क्योंकि कांग्रेस के समय में ऐसी फिल्मों को विवादित बता कर रिलीज़ से रोक दिया जाता था साथ में तर्क यह कि अगर फ़िल्म रिलीज़ हुई तो देश की अस्मिता को खतरा हो सकता है साम्प्रदायिक दंगे छिड़ सकते हैं।


उस ज़माने में सोशल मीडिया नहीं था इसलिए मीडिया वो दिखाता था जो सरकारें चाहती थीं, विवेक अग्निहोत्री जैसा कोई फिल्मकार अगर किसी सच्ची घटना पर आधारित कुछ बनाने का प्रयास करता तो हाल तो फ़िल्म रिलीज़ ही नहीं होती थी अगर होती भी थी तो सरकार/वामपंथ/मुस्लिम समर्थित सेंसर बोर्ड उस पर इतनी कलाकारी से कैंची चलाता था कि फ़िल्म का मूल उद्देश्य ही कहीं गायब हो जाता था।


बात 1995 की है संभवतः मेरी वाली पीढ़ी को सबकुछ अच्छे से याद भी आ जाए… दक्षिण भारत के एक निर्देशक ने राम मंदिर के लिए कार सेवकों द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए मुंबई दंगो व बम विस्फोटों पर आधारित एक मूवी बनाई थी जिसका नाम था #Bombay .


मनीषा कोइराला (मुस्लिम) व अरविंद स्वामी (हिंदू) की प्रेम कहानी और दंगों के इर्दगिर्द घूमती उस कहानी में थोड़ा बहुत सत्य आधारित भी था…….. यहाँ सत्य आधारित मैं इसलिए कहूंगा क्योंकि कुछ घटनाओं के साक्ष्य तत्कालीन बम विस्फोट व दंगो की घटनाओं की अखबार में छपी खबरों से मेल खाते थे।


उक्त फ़िल्म को तत्कालीन सरकार ने रिलीज़ होने पर पाबंदी लगा दी क्योंकि सरकार का मानना था कि दंगे भड़क जाएंगे। जिन चंद राज्यों में रिलीज़ पर सहमति प्रदान की भी उन राज्यों के शहरों में लोकल प्रशासन में बैठे अधिकारियों ने आपत्ति जताते हुए रिलीज़ करने से मना कर दिया।


मुझे यह वाकया इसलिए याद है कि मनीषा कोईराला मेरी पसंदीदा अदाकारा रहीं हैं फ़िल्म के रिलीज़ होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था तभी रिलीज़ से चंद रोज़ पहले अखबार में पढ़ा की मेरठ अतिसंवेदनशील शहरों में एक है इसलिए यहां पर फ़िल्म का रिलीज़ होना मुश्किल है तब भी प्रशासनिक अधिकारियों की राय लेने हेतु एक स्पेशल शो चलाया जाएगा यदि अधिकारियों ने पास किया तब ही फ़िल्म रिलीज़ होगी।


तत्कालीन एस पी सिटी आईपीएस दलजीत सिंह चौधरी मेरे अच्छे मित्र थे, मैंने अपनी इच्छा उन्हें जताई तो उन्होंने मुझे स्पेशल शो का निमंत्रण दे दिया, संभवतः दिनांक 9 मार्च 1995 रही होगी, मेरठ घन्टाघर स्थित अप्सरा सिनेमा हॉल में वो फ़िल्म मैंने देखी और फ़िल्म के बाद अधिकारियों संग फ़िल्म समीक्षा का भी हिस्सा बना।


समीक्षा कुछ यूं थी - तत्कालीन जिलाधिकारी एस. एन. सेठ, सिटी मजिस्ट्रेट कुंवर सिंह, एसएसपी व अन्य का मानना था फ़िल्म तो मज़ेदार बनी है परंतु हिंदुओं के प्रति हिंसा ज्यादा दिखाई गई है साथ ही एक सीन में स्वास्तिक को जलाते हुए दिखाया गया है जो आपत्तिजनक है, उस सीन को देखकर हिंदुओ की भावनाएं आहत होंगी और दंगे भड़क सकते हैं इसलिए इस फ़िल्म को रिलीज होने से रोक दिया जाए।


जबकि सच्चाई कुछ और थी अनौपचारिक बातचीत में पता चला कि लखनऊ से फ़िल्म को रिलीज नहीं करने का ऑर्डर मिला है और उस ऑर्डर की खास वजह यह थी कि तत्कालीन मिलीजुली सरकार के मुखिया मायावती (मुख्यमंत्री) व मुलायम सिंह यादव के ऊपर समुदाय विशेष द्वारा फ़िल्म को रिलीज नहीं करने का दबाव था। जिसका मुख्य कारण फ़िल्म में लड़की मुस्लिम और लड़का हिंदू दिखाया गया है, यदि फ़िल्म रिलीज़ होती तो एक तो मुस्लिम समुदाय का मज़ाक बनेगा दूसरे मुस्लिम समाज की लड़कियों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।


खैर यहां यह किस्सा मुझे इसलिए याद आ गया क्योंकि एक सच्ची घटना #kashmiripanditgenocid  विषय पर बनी एक बेहतरीन फ़िल्म के प्रदर्शन को रोकने व प्रभावित करने के लिए दुनिया भर के फ़िल्म माफिया, वामपंथी विचारधारा के लोग, कट्टरपंथी समुदाय एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं क्योंकि वो जानते हैं कि 1990 में जी हुआ वो लोग उस साजिश का हिस्सा थे।


मैं धन्यवाद देना चाहूंगा निर्देशक #VivekRanjanAgnihotri और उनकी पूरी टीम को की उन्होंने सत्य को इतनी बारीकी से उकेरा है।


मैं धन्यवाद देना चाहूंगा प्रभु श्री राम को की उन्होंने हिंदू हितों का ध्यान रखने वाली एक सरकार अपने आशीर्वाद से बनाई।


मैं धन्यवाद देना चाहूंगा सोशल मीडिया के विभिन्न आयामों पर डटे मेरे जैसे अनेकानेक हिंदू साथियों को जो एक से बढ़कर एक तरीकों से हर किसी को यह मूवी देखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।


मैं धन्यवाद देना चाहूंगा उन 554 सिनेमाघरों को जिन्होंने फ़िल्म माफियाओं द्वारा जारी फतवे को दरकिनार कर इस सत्य घटना को रिलीज करने का साहस दिखाया।


हर हिंदू को यह फ़िल्म देखनी ही चाहिए क्योंकि इसको देखे बिना आप कभी जान नहीं पाएंगे कि क्या हुआ था 5 लाख कश्मीरी पंडितों के साथ।


जय हिंद जय भारत

Tuesday, February 15, 2022

Deep Siddhu

 "मर गया कामरेड दीप सिद्धू या मार दिया कामरेड दीप सिद्धू" - दाल में काला या काली दाल ?


       कुंडली बॉर्डर के व्यस्ततम ट्रैफिक में कैसे कोई ट्रक 140 की स्पीड में रिवर्स गियर (बैक) में दौड़ रहा था और लाल किले से तिरंगा उतारने वाले महानतम कामरेड खालिस्तानी #DeepSiddhu की स्कार्पियो में पीछे से टक्कर मार दी जिससे ड्राइविंग सीट पर बैठ कर गाड़ी चला रहा कामरेड दीप सिद्धू दब गया।


गाड़ी चला रहे कामरेड की मौके पर ही मृत्यु हो गई जबकि साथ बैठी कामरेडनी कैलिफोर्निया निवासी NRI फ्रेंड कम मंगेतर #ReenaRoy  अपनी खूबसूरती के दम पर न जाने कैसे पर बच गयी।  🤣😜🤣🤣🤣🤣🤣🤣 जांच तो होनी ही चाहिए।


पुलिस सूत्रों के अनुसार कामरेडनी रीना राय ने बताया कि उसे पता ही नहीं चला कि टक्कर कैसे हुई क्योंकि टक्कर के समय लगभग साढ़े नौ बजे वो सो रही थी😴😴😴😴 जांच तो होनी चाहिए अब 09:30 बजे कौन सोता है वो भी तब जब आप मात्र आधा घंटा पहले घर/होटल/कमरे से निकले हो दिल्ली से भटिंडा जाने के लिए🤔🤔🤔


140 की गति से रिवर्स गियर (बैक) में ट्रक दौड़ाने वाला कलाकार ट्रक चालक फरार क्यों हो गया 🥴🥺🥴🥺 जांच तो होनी ही चाहिए।


जांच तो होनी ही चाहिए क्योंकि उल्टे दौड़ रहे ट्रक पर "भारत माता की जय" लिखा था। 💪💪💪


जांच तो होनी ही चाहिए कि केजरीवाल की दिल्ली में पंजाब न. की यह गाड़ी जिसका PUCC 2019 में एक्सपायर हो चुका है, किसके इशारे पर दौड़ रही थी? जांच तो होनी ही चाहिए।


जांच की जरूरत तो है कुछ लोगों के दिमाग की क्योंकि दिमाग में थोड़ा समाजवाद, थोड़ा रालोद, थोड़ा संयुक्त किसान मोर्चा, थोड़ी कॉंग्रेस और ढेर सारा विपक्ष/खालिस्तान भरा पड़ा है। 🤣🤣🤣


चलो खैर .... ॐ शांति शांति

Wednesday, April 8, 2020

अंगद मतलब "दृढ़ता"

#रावण ने #बाली से दोस्ती का वास्ता देकर #अंगद को अपनी सेना का #सेनापति बन अपनी तरफ से लड़ने का न्योता दिया था... तो अंगद ने क्या कहा था ज़रा #ध्यान से #पढ़िए.....

मैं यह #सेवा करता - परंतु मुझमे इतनी योग्यता कहाँ?
#लंका का सेनाध्यक्ष बनूँ, यह बुद्धि और वीरता कहाँ?

सेनापति अगर चाहते हो तो #रामादल में फ़ाज़िल है।
दो चार नहीं, #सैंकड़ो वहां सेनापति बनने के काबिल हैं।।

पर शायद ही स्वीकार करे - कोई इस #मैले गहने को ..!
नारियां #चुराई जाए जहाँ, ऐसे कुराज्य में रहने को...!

अन्यथा - एक #विभीषण तो इस सेवा को आ सकता है।
सेनापति क्या, तुम चाहो तो वह #राज भी चला सकता है।।

अन्यथा, संदेशा है उसका इस #लंकाधीश्वर रावण को।
सारी लंका में एक वही -- बस शेष रहेगा #तर्पण को।।

इसलिए #त्यागकर वैर-भाव, उज्जवल मन का दर्पण करिए।
कीजिए संधि #रघुनायक से - सीता उनको अर्पण करिए।।

यह खूब समझ लीजिए, #कीश लंका में पांव धर चुके हैं।
"निश्चर से हीन करूँगा #महि" - यह प्रण रघुनंदन कर चुके है।।

साभार - श्री #राधेश्याम रामायण

Friday, September 7, 2018

एक दुसरे के पूरक चारो वर्ण।

Nitin Anand एक लम्बे समय तक मेरे साथ रहा छोटे भाई जैसा .. जिसके साथ कभी उसके घर और कभी अपने घर में बैठ कर अक्सर हमने साथ में खाया पिया, हँसी ठिठोलि की .. आज तथाकथित SC/ST पर चल रही बेकार की राजनीति की वजह से ....
पिछले 6 महीने से ख़ासतौर पर मुझे #Tag कर #Facebook पर ऐसी सामग्री #Shareकरता है जिसका मानवता के नाते “ना तो उसका और ना मेरा कोई लेना-देना है”।
सच्चाई यह है की अगर आज भी वो मुझे मिलेगा या मैं उसके घर जाऊँगा तो “मुलाक़ात” वही पुरानी गर्मजोशी से होगी।
पर हम दोनो ही एक सोची समझी साज़िश का शिकार बन रहे हैं।
ज़रा सोचिए ।

Tuesday, May 22, 2018

Image result for राम दूत अंगद की लीला


जब अंगद रामदूत के रूप में रावण के पास जा रहे थे तब विभीषण ने भी एक छोटा सा सन्देश कहलाया था जो इस प्रकार था !

दो एक सन्देश हमारे भी कह देना हठी दशानन से -
जिसने की किया था पद-प्रहार, मुझ पर उठकर सिंहासन से 
मै मुर्ख और विद्रोही हूँ वह तो सब बात समझता है 
अब देखें लंकानगरी की - किस प्रकार रक्षा करता है 
यह भली भांति जतला देना - उस महाभिमानी रावण को 
घर भर में एक विभीषण ही रह जाएगा बस तर्पण को 

आज देश में कांग्रेस रुपी "रावण" विचाधारा का ख़त्म होना बहुत आवश्यक है एवं जिसके लिए हम सब को एकजुट होकर देशहित में अंगद बनना ही होगा !

#ChurchTargetsModi