Friday, September 7, 2018

एक दुसरे के पूरक चारो वर्ण।

Nitin Anand एक लम्बे समय तक मेरे साथ रहा छोटे भाई जैसा .. जिसके साथ कभी उसके घर और कभी अपने घर में बैठ कर अक्सर हमने साथ में खाया पिया, हँसी ठिठोलि की .. आज तथाकथित SC/ST पर चल रही बेकार की राजनीति की वजह से ....
पिछले 6 महीने से ख़ासतौर पर मुझे #Tag कर #Facebook पर ऐसी सामग्री #Shareकरता है जिसका मानवता के नाते “ना तो उसका और ना मेरा कोई लेना-देना है”।
सच्चाई यह है की अगर आज भी वो मुझे मिलेगा या मैं उसके घर जाऊँगा तो “मुलाक़ात” वही पुरानी गर्मजोशी से होगी।
पर हम दोनो ही एक सोची समझी साज़िश का शिकार बन रहे हैं।
ज़रा सोचिए ।

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