Friday, September 7, 2018

एक दुसरे के पूरक चारो वर्ण।

Nitin Anand एक लम्बे समय तक मेरे साथ रहा छोटे भाई जैसा .. जिसके साथ कभी उसके घर और कभी अपने घर में बैठ कर अक्सर हमने साथ में खाया पिया, हँसी ठिठोलि की .. आज तथाकथित SC/ST पर चल रही बेकार की राजनीति की वजह से ....
पिछले 6 महीने से ख़ासतौर पर मुझे #Tag कर #Facebook पर ऐसी सामग्री #Shareकरता है जिसका मानवता के नाते “ना तो उसका और ना मेरा कोई लेना-देना है”।
सच्चाई यह है की अगर आज भी वो मुझे मिलेगा या मैं उसके घर जाऊँगा तो “मुलाक़ात” वही पुरानी गर्मजोशी से होगी।
पर हम दोनो ही एक सोची समझी साज़िश का शिकार बन रहे हैं।
ज़रा सोचिए ।

Tuesday, May 22, 2018

Image result for राम दूत अंगद की लीला


जब अंगद रामदूत के रूप में रावण के पास जा रहे थे तब विभीषण ने भी एक छोटा सा सन्देश कहलाया था जो इस प्रकार था !

दो एक सन्देश हमारे भी कह देना हठी दशानन से -
जिसने की किया था पद-प्रहार, मुझ पर उठकर सिंहासन से 
मै मुर्ख और विद्रोही हूँ वह तो सब बात समझता है 
अब देखें लंकानगरी की - किस प्रकार रक्षा करता है 
यह भली भांति जतला देना - उस महाभिमानी रावण को 
घर भर में एक विभीषण ही रह जाएगा बस तर्पण को 

आज देश में कांग्रेस रुपी "रावण" विचाधारा का ख़त्म होना बहुत आवश्यक है एवं जिसके लिए हम सब को एकजुट होकर देशहित में अंगद बनना ही होगा !

#ChurchTargetsModi

Friday, May 18, 2018

"बुरी नजर वाले तेरा मुह काला"

"बुरी नजर वाले तेरा मुह काला"


एक थे पप्पन मास्टर जी वो जिसकी तारीफ देते थे उस गरीब का कुछ न कुछ बुरा हो जाता था..

एक बार बिलकुल नई लगी स्ट्रीट लाइट की तरफ देख कर बोले "वाह क्या रौशनी है" - फ़ौरन बल्ब फ्यूज़ हो गया और अँधेरा छा गया !

एक भला आदमी अभी अभी चमचमाती नई मारुती 800 शोरूम से निकाल कर लाया था, पप्पन मास्टर जी ने देखा और बोले की "अरे वाह शर्मा जी नई गाडी तो शीशे जैसी चमक रही है" - बगल से तांगा गुजर रहा था घोड़े को अचानक पता नहीं क्या सूझी .. हिनहिना कर बिगड़ गया और सवारी समेत तांगा गाडी के बोनट पर चढ़ चुका था !

पड़ोस के दरोगा जी एक दिन सुबह सुबह घूमने निकले पप्पन मास्टर जी अपनी कोयले की टाल पर बैठे थे, मास्टर जी बोले "दरोगा जी नमस्ते ... घूमने जा रहे हैं बढ़िया है.. पर आपको क्या जरुरत पड़ी है घूमने की आप तो ऐसे ही हट्टे कट्टे दिखाई देते हो" - दरोगा जी को दोपहर में हार्ट अटैक आया और वो चल बसे ...!

रामद्रोही कोंग्रेस पार्टी के अध्यक्ष माननीय राहुल गाँधी का हाल भी कुछ ऐसा ही है बन्दा जिस राज्य में नजर मारता है ... वहां कांग्रेस जैसे गायब हो जाती है !


आज कांग्रेस की जो स्थिति है उसके लिए जहाँ एक तरफ कांग्रेस की देश विरोधी नीतिया, सालों साल किये गए घोटाले और परिवार परिक्रमा की राजनीती जिम्मेदार है वहीँ किस्मत भी एक फैक्टर है और यहाँ किस्मत पूरी कांग्रेस को फूटी लग रही है, राहुल गाँधी के ऊपर पनौती का ठप्पा लगा और अब लगातार मिल रही हार "पनौती" होने पर मुहर लगा रही है !

कांग्रेस का भविष्य अच्छा नहीं है यह भी दिखाई दे रहा है, आने वाले समय में अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए कांग्रेस साम - दाम - दंड - भेद सारे हथकंडे अपनाएगी और इन सारे हथकंडो का सीधा सीधा असर देश की जनता पर पड़ेगा !

देश की जनता को बुरी नजर वाली कांग्रेस का मुंह काला करने के लिए तैयार रहना होगा !

Saturday, May 5, 2018

जन्मदिन की शुभकामनाएँ माँ !


जन्मदिन की शुभकामनाएँ  "माँ"

क्या लिंखूँ, कितना लिखूँ, मुझे ऊँगली पकड़  लिखना सिखाने वाली मेरी “माँ”

प्रथम गुरु, प्रथम दोस्त,भगवान का भी अस्तित्व बताने समझाने वाली मेरी "माँ"
मेरे अस्तित्व का हर पल, मेरी दुनिया का हर एक क्षण, मेरी रग रग की साक्षी मेरी "माँ"

मेरे बच्चो के सामने मुझे बच्चे की तरह दुलारती तो कभी डांटती और फटकारती मेरी "माँ"
अपनी उम्र के इस पड़ाव में कभी खुद मेरे सामने बच्चा बन अपने दर्द मुझे बताती मेरी "माँ"

बचपन को जब याद करता हूँ तो सबसे पहली तस्वीर में सबसे आगे दिखाई देती मेरी "माँ"
मेरे बचपन की हर कहानी, हर याद, हर लम्हे, हर डगर की पहली निशानी मेरी "माँ"

वात्सल्य के नाम पर अपना सर्वस्व लुटाती, प्रेम की ममतामयी परिभाषा बताती मेरी "माँ"
बिल्ली रास्ता काट जाए तो बुरा होता है, बुरी और अच्छी नजर की पहचान बताने वाली मेरी "माँ"

खराब रिजल्ट और खराब प्रदर्शन में भी हंस कर तारीफ कर मेरा मन बहलाने वाली मेरी "माँ"
पर इस रिसल्ट और प्रदर्शन को सबसे बेहतर करने की शिक्षा देने वाली मेरी "माँ"

जब पहली बार परिवार से अलग घूमने गया था तब ध्यान से जाने की और समय से वापस आने की हिदायत देती मेरी "माँ"
वापस आने पर मेरा हर किस्सा बार बार सुन बोर हो जाने के बावजूद फिर से सुन हर बार हंसने वाली मेरी "माँ"

मेरी पढाई, मेरी दोस्ती, मेरी गर्ल फ्रेंड, मेरी तेज ड्राइविंग, मेरे हर व्यपारिक नुक्सान की साक्षी मेरी "माँ"
हर बार... हाँ हर बार... सिर्फ और सिर्फ अपनी गोद में मुझे सर रख रो देने का सौभाग्य देती मेरी "माँ"

जिस मिटटी में मुझे वापस मिल जाना है.... मुझे जन्म दे उस मिटटी से मेरा परिचय कराने वाली मेरी "माँ"
मेरी इच्छा शक्ति, मेरी दुर्गा शक्ति, अपना अंश मुझे दे मेरी सारी अल्प्शाक्तियों को अपने तेज से भर देने वाली मेरी "माँ"

भगवान् ना करे की हम कभी उस लायक बन सकें की तुम्हारी व्याख्या करने का भी सोच सके ..

मेरा मुझसे परिचय कराने वाली मेरी "माँ"

आज मेरा बीज दिवस है, क्योंकि वृक्ष की जड़ को सींचने वाली तुम ही तो हो मेरी "माँ"
जहाँ मैंने अपने जन्मदिन के केक तुम्हारी वजह से काटे और खाए .....
आज आपके जन्मदिन पर आपकी उम्र हो मेरी आज की उम्र से चार गुना ......

यही बस प्रार्थना है मेरी प्यारी "माँ"