जन्मदिन की शुभकामनाएँ "माँ"
क्या लिंखूँ, कितना लिखूँ, मुझे ऊँगली पकड़ लिखना सिखाने वाली मेरी “माँ”
प्रथम गुरु, प्रथम दोस्त,भगवान का भी अस्तित्व बताने समझाने वाली मेरी "माँ"
मेरे अस्तित्व का हर पल, मेरी दुनिया का हर एक क्षण, मेरी रग रग की साक्षी मेरी "माँ"
मेरे बच्चो के सामने मुझे बच्चे की तरह दुलारती तो कभी डांटती और फटकारती मेरी "माँ"
अपनी उम्र के इस पड़ाव में कभी खुद मेरे सामने बच्चा बन अपने दर्द मुझे बताती मेरी "माँ"
बचपन को जब याद करता हूँ तो सबसे पहली तस्वीर में सबसे आगे दिखाई देती मेरी "माँ"
मेरे बचपन की हर कहानी, हर याद, हर लम्हे, हर डगर की पहली निशानी मेरी "माँ"
वात्सल्य के नाम पर अपना सर्वस्व लुटाती, प्रेम की ममतामयी परिभाषा बताती मेरी "माँ"
बिल्ली रास्ता काट जाए तो बुरा होता है, बुरी और अच्छी नजर की पहचान बताने वाली मेरी "माँ"
खराब रिजल्ट और खराब प्रदर्शन में भी हंस कर तारीफ कर मेरा मन बहलाने वाली मेरी "माँ"
पर इस रिसल्ट और प्रदर्शन को सबसे बेहतर करने की शिक्षा देने वाली मेरी "माँ"
जब पहली बार परिवार से अलग घूमने गया था तब ध्यान से जाने की और समय से वापस आने की हिदायत देती मेरी "माँ"
वापस आने पर मेरा हर किस्सा बार बार सुन बोर हो जाने के बावजूद फिर से सुन हर बार हंसने वाली मेरी "माँ"
मेरी पढाई, मेरी दोस्ती, मेरी गर्ल फ्रेंड, मेरी तेज ड्राइविंग, मेरे हर व्यपारिक नुक्सान की साक्षी मेरी "माँ"
हर बार... हाँ हर बार... सिर्फ और सिर्फ अपनी गोद में मुझे सर रख रो देने का सौभाग्य देती मेरी "माँ"
जिस मिटटी में मुझे वापस मिल जाना है.... मुझे जन्म दे उस मिटटी से मेरा परिचय कराने वाली मेरी "माँ"
मेरी इच्छा शक्ति, मेरी दुर्गा शक्ति, अपना अंश मुझे दे मेरी सारी अल्प्शाक्तियों को अपने तेज से भर देने वाली मेरी "माँ"
भगवान् ना करे की हम कभी उस लायक बन सकें की तुम्हारी व्याख्या करने का भी सोच सके ..
मेरा मुझसे परिचय कराने वाली मेरी "माँ"
आज मेरा बीज दिवस है, क्योंकि वृक्ष की जड़ को सींचने वाली तुम ही तो हो मेरी "माँ"
जहाँ मैंने अपने जन्मदिन के केक तुम्हारी वजह से काटे और खाए .....
आज आपके जन्मदिन पर आपकी उम्र हो मेरी आज की उम्र से चार गुना ......
यही बस प्रार्थना है मेरी प्यारी "माँ"